Drivers Strike : शहर में पेट्रोल-डीजल की किल्लत
Driver’s Strike होटलों में सिलेंडर नहीं, पेट्रोल पंपों पर कतारें ट्रक ड्राइवरों के आंदोलन के बीच मुंबई में ईंधन की कमी
शहर के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया है। इसका कारण है कि पेट्रोल और डीजल के टैंकर चालकों ने हड़ताल कर दी है। इस हड़ताल के कारण पेट्रोल और डीजल पंप तक नहीं पहुंच पा रहा है।
हड़ताल एक से तीन जनवरी तक के लिए की गई है। इसका एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है जिसमें ड्राइवर्स एसोसिएशन ने हड़ताल की घोषणा की है।
Strike का कारण
Strike का कारण केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाया गया हिट एंड रन केस में नया कानून है। इस कानून के मुताबिक, अगर किसी दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है और चालक भाग जाता है, तो उसे दस साल की जेल और पांच लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है।
ड्राइवर्स इस कानून का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह कानून बहुत सख्त है और इससे उनका जीना मुश्किल हो जाएगा। उनका कहना है कि अगर कोई दुर्घटना हो जाती है, तो वह भागने की बजाय मदद करने की कोशिश करेगा।
नए कानून से कार चालक भी प्रभावित
यह कानून सभी ड्राइवर्स पर लागू होगा। कार चालक भी इसके दायरे में आएंगे।
Strike का असर
हड़ताल के कारण शहर में पेट्रोल-डीजल की किल्लत हो गई है। वाहन चालकों को पेट्रोल-डीजल के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। कई पेट्रोल पंप बंद हैं।
हड़ताल के कारण कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिन लोगों के पास गाड़ी है, उन्हें पेट्रोल-डीजल के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है।
Strike का समाधान
हड़ताल का समाधान निकालने के लिए सरकार और ड्राइवर्स एसोसिएशन के बीच बातचीत हो रही है। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले का हल निकल जाएगा।
शहर में पेट्रोल-डीजल की किल्लत
सोमवार को दोपहर तक अधिकांश पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल खत्म हो गया। यह स्थिति दोपहर के बाद शुरू हुई, जब पेट्रोल और डीजल के टैंकर चालकों ने हड़ताल कर दी। इस हड़ताल के कारण पेट्रोल और डीजल पंप तक नहीं पहुंच पा रहा था।
कलेक्टर की पहल
शहर में पेट्रोल-डीजल की किल्लत को देखते हुए कलेक्टर इलैया राजा टी ने दोपहर के बाद सौ से अधिक टैंकर्स को पुलिस सुरक्षा में पंप तक पहुंचाया। इस पहल के बाद देर शाम तक कुछ पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल मिलना शुरू हो गया।
लंबी कतारें
देर शाम तक लोग पंप पर पेट्रोल डीजल की लंबी कतारों में खड़े थे। कई जगह ड्राइवर्स और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। कई जगह बसों और ट्रकों को रोका गया और रास्ते भी जाम किए गए।
ड्राइवरों का विरोध
ड्राइवरों की हड़ताल का मुख्य कारण केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाया गया हिट एंड रन केस में नया कानून है। इस कानून के मुताबिक, अगर किसी दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है और चालक भाग जाता है, तो उसे दस साल की जेल और 7 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है। ड्राइवर्स इस कानून का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह कानून बहुत सख्त है और इससे उनका जीना मुश्किल हो जाएगा।
महाराष्ट्र खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने पहले ही सभी पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर आंदोलन और पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की आपूर्ति पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की थी।
हड़ताल के प्रभाव को देखते हुए पुलिस से उन उत्पादों की सुचारू और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करने का अनुरोध किया गया।
विभाग ने पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति में बाधा के लिए ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत उचित कार्रवाई का भी आग्रह किया।
स्थिति सामान्य होने की उम्मीद
सरकार और ड्राइवर्स एसोसिएशन के बीच बातचीत जारी है। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले का हल निकल जाएगा और शहर में पेट्रोल-डीजल की किल्लत दूर हो जाएगी।
- सोमवार को दोपहर तक अधिकतर पेट्रोल पंप पर पेट्रोल खत्म हो गया, जो रात होते-होते शुरू हो सके।
शहर में पेट्रोल-डीजल की किल्लत का समाधान रात तक हो गया।
- कलेक्टर इलैया राजा टी ने दोपहर के बाद सौ से अधिक टैंकर्स को पुलिस सुरक्षा में पंप तक पहुंचाया।
कलेक्टर ने पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति बहाल करने के लिए कदम उठाए।
- देर शाम तक लोग पंप पर पेट्रोल डीजल की लंबी कतारों में खड़े थे।
शहर में पेट्रोल-डीजल की किल्लत के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
- इस दौरान कई जगह ड्राइवर्स और पुलिस के बीच झड़प भी हुई।
हड़ताल के दौरान ड्राइवरों और पुलिस के बीच तनाव रहा।
- कई जगह बसों और ट्रकों को रोका गया और रास्ते भी जाम किए गए।
हड़ताल के कारण शहर में यातायात बाधित हुआ।
- इंदौर के गंगवाल बस स्टैंड और इंदौर देवास रोड को पूरी तरह से ड्राइवर्स के द्वारा बंद कर दिया गया था जिसे पुलिस ने खुलवाया।
हड़ताल के कारण शहर में अशांति फैली।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने ट्रक चालकों से यह भी अपेक्षा की है कि वे अप्रिय घटनाओं में शामिल न हों और कानून एवं व्यवस्था की समस्या पैदा न करें।
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