Saurav Gurjar, वह नाम जो एक समय टीवी पर दहाड़ता हुआ भीम बना हुआ था और आज रिंग में ‘संघा’ के नाम से दमदार पहलवान के रूप में धूम मचा रहा है। उनका सफर एक अभिनेता से लेकर पेशेवर पहलवान बनने तक का रहा है, जो कई उतार-चढ़ावों से भरा है। चलिए, आज सौरव गुर्जर के इस रोचक सफर को गहराई से जानते हैं।
Saurav Gurjar (जन्म 26 सितंबर 1985) एक भारतीय पेशेवर पहलवान और अभिनेता हैं। सौरव का जन्म हरियाणा में हुआ था। बचपन से ही उन्हें अभिनय का शौक था। 2013 में उन्हें स्टार प्लस के लोकप्रिय धारावाहिक “महाभारत” में भीम की भूमिका मिली। यह किरदार उनके लिए मील का पत्थर साबित हुआ।इसके बाद, उन्होंने “देवों के देव… महादेव”, “सिया के राम”, और “सावधान इंडिया” जैसे कई अन्य धारावाहिकों में काम किया। अपने अभिनय से उन्होंने दर्शकों का मनोरंजन किया और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
पहलवानी का जुनून:
सौरव बचपन से ही खेलों के प्रति काफी रुचि रखते थे। महाभारत के किरदार ने उनकी फिटनेस पर और ध्यान दिया। धीरे-धीरे उनका रुझान जिम और बॉडीबिल्डिंग की ओर हो गया। इसी दौरान उनकी मुलाकात प्रसिद्ध पहलवान द ग्रेट खली से हुई, जिन्होंने सौरव की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें पहलवानी की दुनिया में आने के लिए प्रेरित किया।
रिंग का किंग (2011-2012)
दिसंबर 2011 में, उन्होंने टोटल नॉनस्टॉप एक्शन रेसलिंग के भारतीय प्रोजेक्ट ``रिंग का किंग'' में भाग लिया और रिंग नाम डेडली डंडा के तहत प्रदर्शन किया। वह एबिस, स्कॉट स्टीनर,
निक एल्डिस और सोनजय दत्त के साथ जेफ जेरेट के हील स्टेबल आरडीएक्स के सदस्य थे।
WWE तक का कठिन परिश्रम:
सौरव ने पहलवानी को गंभीरता से लिया और कड़ी मेहनत शुरू कर दी। उन्होंने ट्रेनिंग ली, अपना डाइट प्लान बदला और निरंतर अभ्यास किया। 2018 में उन्हें WWE की ट्वाय टूर्नामेंट में भाग लेने का मौका मिला, जिसे उन्होंने शानदार प्रदर्शन के साथ जीता। इसके बाद उन्हें WWE NXT में शामिल कर लिया गया। वहां उन्हें “संघा” के नाम से रिंग में उतारा गया।
संघा: WWE में भारत का गौरव:
संघा के रूप में सौरव ने WWE में धूम मचाई है। उनकी ताकत, उनकी हाई एनर्जी और स्टनिंग मूव्स ने उन्हें फैंस के बीच लोकप्रिय बना दिया है। वह अक्सर इंटरव्यू में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं और भारतीय संस्कृति को पहलवानी के मंच पर प्रदर्शित करते हैं।
Saurav Gurjar की सफलता के मंत्र:
सौरव की सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत, जुनून और लगन को सबसे बड़ा कारण माना जाता है। साथ ही, उन्होंने सही समय पर सही मार्गदर्शन भी प्राप्त किया। उनका कहना है कि सपने देखना जरूरी है, लेकिन उन्हें हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत और निरंतर प्रयास भी जरूरी है।
आगे का सफर:
Saurav Gurjarअभी भी युवा हैं और उनका करियर अपने शुरुआती दौर में है। वह लगातार सीख रहे हैं, सुधार कर रहे हैं और अपने आपको निखार रहे हैं। उनका लक्ष्य WWE चैंपियन बनना है और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पहलवानों में से एक बनकर भारत का नाम रोशन करना है। हमें उम्मीद है कि सौरव अपने इस लक्ष्य को भी जल्द ही हासिल करेंगे और हमें गौरवान्वित करेंगे।
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